अब गुजरात पुलिस की वर्दी पर सजेगा राष्ट्रपति का प्रेसीडेंट्स कलर अवॉर्ड
अब गुजरात पुलिस की वर्दी की शोभा और गौरव बढ़ाएगा।
यह सम्मान राष्ट्रपति की ओर से सशस्त्र सेना अर्द्ध सैनिक बलों और राज्य पुलिस बलों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। आगामी 15 दिसंबर को यह सम्मान पाने के बाद गुजरात पुलिस देश की 7वीं ऐसी पुलिस फोर्स बन जाएगी, जिसे यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इसके बाद गुजरात पुलिस परेड सहित विभिन्न खास मौकों पर वर्दी के बाएँ कंधे पर ‘PRESIDENT’S COLOR OR NISHAN’ को धारण करेगी और अपने राज्य का गौरव बढ़ाएगी। यह सम्मान पाना प्रत्येक पुलिस बल के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण और गौरव का प्रतीक माना जाता है। गुजरात के पुलिस महा निदेशक (डि जी पी ) ने यह सम्मान प्राप्त करने के लिये अपनी पुलिस फोर्स को बधाई दी है।
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रदान करेंगे अवॉर्ड
गांधीनगर के पास कराई नामक स्थल पर संचालित होने वाली गुजरात पुलिस अकादमी में 15 दिसंबर रविवार को विशिष्ट और भव्य समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू गुजरात पुलिस को अवॉर्ड से सम्मानित करेंगे। इसके बाद गुजरात के सभी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की वर्दी पर इस सम्मान का प्रतीक देखने को मिलेगा। वर्दी पर बाएँ कंधे पर इस सम्मान का लोगो या प्रतीक धारण किया जाएगा। जब भी कोई परेड होगी तब राष्ट्रध्वज के साथ गुजरात पुलिस अवॉर्ड को भी अपने साथ रखेगी।
डीजीपी गुजरात के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर लिखा गया है कि प्रेसीडेंट्स कलर या निशान अवॉर्ड एक सुरक्षा बल के लिये उत्कृष्टता और गर्व का प्रतीक है। 15 दिसंबर को गुजरात पुलिस यह सम्मान पाने वाली देश की 7वीं राज्य पुलिस बन जाएगी। 15 दिसंबर का दिन गुजरात पुलिस के लिये यादगार दिन होगा। इस दिन राज्य पुलिस को राष्ट्रपति का प्रेसीडेंट्स कलर अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। यह अवॉर्ड वीरतापूर्ण कार्य और इस बल की ओर से राज्य की जनता को दी गई सेवाओं का प्रमाण है। डीजीपी ने कहा कि प्रेसीडेंट्स कलर अवॉर्ड राष्ट्र की सुरक्षा के लिये गुजरात पुलिस के योगदान को मान्यता देता है। गुजरात पुलिस देश में सबसे लंबी तट रेखा की रक्षा करती है। तट से किसी भी चुनौती से निपटने के लिये प्रशिक्षित और सुसज्जित कमांडो बल जुटाने के मामले में हम एक मात्र राज्य पुलिस बल हैं।
ज्ञात हो कि देश की जो सशस्त्र सेना, अर्द्ध सैनिक बल या राज्य पुलिस बल 25 वर्ष पूरे कर लेती है, वह इस सम्मान के लिये आवेदन कर सकती है। यह सम्मान पुलिस या सैन्य बल के लिये गुणवत्तापूर्ण सेवा और सुविधा देने के प्रतीक के समान होता है। यह सम्मान दर्शाता है कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ और सुविधाएँ देने के मामले में गुजरात पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस से आगे है। इस प्रकार राज्य पुलिस के लिये यह सम्मान श्रेष्ठ सम्मान माना जाता है।
कैसे मिलता है ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ सम्मान ?
‘प्रेसीडेंट्स कलर’ अवार्ड के आवेदन स्वीकार करने के लिये केन्द्रीय स्तर पर एक समिति काम करती है, जिसमें 8 राज्यों के पुलिस महानिदेशक शामिल होते हैं। कोई भी सशस्त्र सेना, अर्द्ध सैनिक बल या राज्य पुलिस बल प्रेसीडेंट्स कलर या निशान अवॉर्ड के लिये इस समिति के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। यह समिति आवेदनकर्ता सेना, अर्द्ध सैनिक बल या राज्य पुलिस बल की गुणवत्तापूर्ण सेवाओं और नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा करके आवेदन को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सचिव के पास भेजती है। गृह सचिव आवेदन की समीक्षा करके गृह मंत्री के समक्ष भेजते हैं। गृह मंत्री आवेदन की समीक्षा करने के बाद उसे प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजते हैं। पीएमओ से आवेदन को राष्ट्रपति के समक्ष भेजा जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति की ओर से अंतिम निर्णय किया जाता है। इस बीच किसी भी एक स्तर पर आवेदन अस्वीकार हो जाए तो यह अवॉर्ड नहीं मिलता है। इस अवॉर्ड के लिये योग्य फोर्स को चुनने की प्रक्रिया अत्यंत मुश्किल होती है। गुजरात पुलिस से पहले दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश सहित 6 राज्य पुलिस बल यह सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। गुजरात पुलिस बल यह सम्मान पानेवाला देश का 7वाँ राज्य पुलिस बल बन जाएगा।
Gujarat Express News Network