सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आज लगेगा सूतक, ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें ये बातें

आज लगेगा सूतक, ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें ये बातें

साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा। 
इसके लिए 25 दिसंबर से सूतक लग जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ग्रहण के दौरान किसी प्रकार के शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती। ग्रहण लगने से पहले और बाद तक के सयम को सूतक काल माना जाता है। ग्रहण और ग्रहण सूतके दौरान गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी वर्तने की सलाह दी जाती है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका विभिन्न राशि के लोगों व प्रकृति पर असर भी पड़ेगा।

क्या है ग्रहण सूतक काल ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रणह शुरू होने के 12 घंटे पहले और ग्रहण पूरा होने के 12 घंटे के बाद तक का समय ग्रहण सूतक काल कहलाता है। इस बार सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को है, इसलिए ग्रहण सूतक काल 25 दिसंबर को शुरू हो जाएगा।

ग्रहण तिथि और समय
बुधवार की रात 8:17 बजे से सूतक लग जाएंगे। ग्रहण समाप्त होते ही सूतक खत्म होंगे। ग्रहण के दिन मूल नक्षत्र में चार ग्रह रहेंगे। वहीं, धनु राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु रहेंगे। इन छह ग्रहों पर राहु की पूर्ण दृष्टि भी रहेगी। इनमें दो ग्रह यानी बुध और गुरु अस्त रहेंगे। कर्क, तुला, कुंभ और मीन चार राशि वालों पर ग्रहण शुभ रहेगा।  
इस ग्रहण के बाद अगले साल के शुरू में जनवरी में चंद्र ग्रहण लगेगा। बताया जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण 296 साल बाद लग रहा है।  यह अंगूठी जैसा सूर्य ग्रहण होगा जिसमें सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह लगेगा। चन्द्रमा की छाया सूर्य का 97 प्रतिशत भाग ढकेगी। सूर्य ग्रहण सुबह 8:17 बजे शुरू होगा। 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के मौके पर ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों के कपाट खुलेंगे और दोबारा से पूजा अर्चना शुरू होगी।

 नए साल 2020 में ग्रहण

10 जनवरी - चंद्र ग्रहण
5 जून - चंद्र ग्रहण
21 जून - सूर्य ग्रहण
5 जुलाई - चंद्र ग्रहण
30 नवंबर -चंद्र ग्रहण
14 दिसंबर - सूर्यग्रह

गर्भवती महिलाओं पर चंद्र ग्रहण का असर

माना जाता है कि किसी भी ग्रहण असर सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं पर होता है। क्योंकि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा काफी ज्यादा रहती है। ज्योतिषाचार्यों द्वारा ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा। ग्रहण काल के दौरान यदि खाना जरूरी हो तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डला गया हो। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दौरान सुई धागे का प्रयोग भी वर्जित है। ग्रहण काल के दौरान भगवान का नाम लेने के अलावा कोई दूसरा काम न करें।

ग्रहण काल में रखें ये सावधानियां - 

ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।

Gujarat Express News Network

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ભારત વિકાસ પરિષદ મહાવિજય શાખા ડીસા દ્વારા શુભમ પાર્ટી પ્લોટ ખાતે "હાલને સખી, ગરબે ઘૂમીએ" બે દિવસીય ગરબા મહોત્સવ યોજાયો

ભારત વિકાસ પરિષદ મહાવિજય શાખા, ડીસા દ્વારા 'હાલને સખી, ગરબે ઘૂમીએ ' દ્વી દિવસય ભાતીગળ ગરબા મહોત્સવ 2024 યોજાયો.. નીરજ બોરાણા જી એક્સપ્રેસ ન્યૂઝ ડીસા     શુભમ પાર્ટી પ્લોટ ડીસા ખાતે તારીખ 10 અને 11 ઓક્ટોબર 2024 ના રોજ ભારત વિકાસ પરિષદ મહાવિજય શાખા, ડીસા દ્વારા સતત પાંચમાં વર્ષે 'હાલ ને સખી ગરબે ઘુમીયે' ભાતીગળ ગરબા મહોત્સવ નું આયોજન કરવામાં આવ્યું હતું.. જેમાં પ્રથમ દિવસે થરાદ ભારત વિકાસ પરિષદની ટીમ અને કે.બી. દેસાઈ (પી.આઇ )દક્ષિણ પોલીસ સ્ટેશન ડીસા અને બીજા દિવસે ભરતભાઈ ઠક્કર, ટ્રસ્ટી, ઉત્તર પ્રાંત, કમલભાઈ ચંદારાણા, ઉપપ્રમુખ, ઉત્તર પ્રાંત ,ભારત વિકાસ પરિષદ જેઓ હાજર રહીને ભાતીગળ ગરબા ને માણ્યા હતા.. સમગ્ર ડીસા પંથક માંથી માનવ મહેરામણ ઉભરાયું હતું અને  મોડી રાત સુધી સૌ શિસ્તબદ્ધ ગરબામાં ઝૂમ્યા હતા અને શાખા ની મહિલા પાંખ દ્વારા માંડવી, માટીના ગરબા અને ભાતીગળ ગરબા દ્વારા માતાજી ના ગુણગાન ગાવામાં આવ્યા હતા.. ડિસન્ટ ઓરકેસ્ટ્રા, પાટણ દ્વારા  દ્વિ દિવસીય ગરબા મહોત્સવમાં  સૌને જુદા જુદા ભાતીગળ ગરબા દ્વારા મોડી રાત સુધી ગરબે રમાડ્યા હતા.. આ ગરબા...

कृष्णा सेवा संस्थान द्वारा अस्थायी प्याऊ का हुआ शुभारम्भ

कृष्णा सेवा संस्थान द्वारा अस्थायी प्याऊ का हुआ शुभारम्भ  बालोतरा :   मनोहर बोराणा कृष्णा सेवा संस्थान ने गर्मी में चल रहे सेवा कार्यों में एक और कदम बढ़ाते हुए दो माह के लिए अस्थायी प्याऊ का शुभारम्भ किया है। संस्थान मार्गदर्शक पारस भंडारी ने कहा कि संस्थान द्वारा प्रति वर्ष गर्मी में आमजन व प्राणियों की सेवा के अनेक कार्य किए जाते है आज से जसोल फांटा पर अस्थायी प्याऊ प्रारम्भ की गई है। संस्थापक अध्यक्ष धर्मेंद्र दवे ने बताया कि संस्थान द्वारा अभी गर्मी में निशुल्क परिंडे वितरित करते हुए जगह जगह सीमेंट की खेलियां लगाई जा रही है इसके साथ आज से संस्थान सदस्य मानसी नेनवानी, ललित नेनवानी व लक्ष्मण पुत्र अशोक नेनवानी के सहयोग से दो माह के लिए जसोल फांटा पर ठंडे पानी के केम्पर लगाकर प्याऊ शुरू की गई है। यंहा यात्रियों का आवागमन लगा रहता है जसोल व नाकोड़ा जाने वाले दर्शनार्थीयों को इस प्याऊ से अवश्य राहत मिलेगी।सभी सदस्यों द्वारा नेनवानी परिवार का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। गौतम चौपड़ा ने बताया कि आगे जैसे जैसे गर्मी बढ़ेगी संस्थान द्वारा कई जगह प्याऊ लगाई ज...

શ્યામ બંગ્લોઝ ભાગ 2, ડીસા ખાતે 'મહિષાસુર મર્દની નૃત્ય નાટિકા રજૂ કરવામાં આવી હતી..

શ્યામ બંગ્લોઝ ભાગ 2 , ડીસા ખાતે 'મહિષાસુર મર્દની નૃત્ય નાટિકા રજૂ કરવામાં આવી હતી..  ડીસા શહેર માં નવરાત્રી મહોત્સવ ની પૂર્ણાહુતિ પ્રસંગે શ્યામ બંગ્લોઝ ભાગ 2 કોમન પ્લોટ ખાતે સાત દીકરીઓ દ્વારા 'મહિષાસુર મર્દની 'નૃત્ય નાટિકા રજૂ કરવામાં આવી હતી જે કૃતિ એ સૌનું ધ્યાનાકર્ષણ કર્યું હતું.. નાટિકામાં ખુશી ખાખલેચા, કવિતા રાવ ,દીપિકા રાવ, પૂજા ઠાકોર, અંજલી ઠાકોર, વિશ્વા સોની, ભૂમિ ઠાકોર અને રોહિત ઠાકોરે ભાગ લઈ સુંદર નૃત્ય દ્વારા સૌને પ્રભાવિત કર્યા હતા.. પરેશભાઈ પટેલ, તિરૂપતિ સાઇકલ ડીસા દ્વારા ભાગ લેનાર તમામ ને મોમેન્ટો આપી સન્માનિત કરવામાં આવ્યા હતા, અને ચાર રહીશો દ્વારા દરેક ને રોકડ ઈનામ આપી પ્રોત્સાહિત કર્યા હતા.. આ પ્રસંગે આ નૃત્ય નાટિકા નું આયોજન કરનાર મહોત્સવ કમિટીના સભ્યો અને ભાગ લેનાર તમામને પ્રવીણભાઈ. સાધુ અને કમલેશભાઈ ટી.ઠક્કરે બિરદાવ્યા હતા..