गुजरात की कंपनी बनाएगी काशी विश्वनाथ धाम, टेंडर फाइनल।
फ़ाइनैंशल बिड खुलने पर दिल्ली की कंपनी शापूर्जी पल्लोंजी के मुकाबले कम कीमत में धाम का निर्माण करने वाली अहमदाबाद (गुजरात) की कंपनी पीएसपी इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर मुहर लगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना काशी विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) के निर्माण के लिए कंपनी चयन का काम शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के वाराणसी पहुंचने के पहले पूरा हो गया। फ़ाइनैंशल बिड खुलने पर दिल्ली की कंपनी शापूर्जी पल्लोंजी के मुकाबले कम कीमत में धाम का निर्माण करने वाली अहमदाबाद (गुजरात) की कंपनी पीएसपी इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर मुहर लगी है। खास यह भी कि विश्वनाथ धाम के लिए पहले से तय कंसल्टेंसी कंपनी एचसीपी भी अहमदाबाद की ही है।
बाबा दरबार के सुंदरीकरण व विस्तारीकरण परियोजना को नए साल से जमीन पर उतारने के लिए पीडब्ल्यूडी ने नवम्बर महीने में टेंडर जारी किया था। 12 दिसम्बर को प्री-बिड मीटिंग में देश की चार कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन टेंडर में शापूर्जी पल्लोंजी इंजीनियरिंग व पीएसपी इंफ्रास्ट्रक्चर ही शामिल हुईं। टेंडर खुलने के बाद करीब हफ्तेभर चले तकनीकी मूल्यांकन में दोनों कंपनियों के पास होने पर शुक्रवार को वित्तीय मूल्यांकन किया गया।
18 महीने में तैयार होगा विश्वनाथ धाम
पीडब्ल्यूडी में विश्वनाथ धाम निर्माण खंड के मुख्य अभियंता जी.पी.पांडेय ने बताया कि फाइनेंशियल बिड खुलने पर अहमदाबाद की पीएसपी का 339 करोड़ तथा शापूर्जी का 422 करोड़ का एस्टीमेट था। लागत कम होने के कारण पीएसपी को चयनित किया गया है। कंपनी के साथ एग्रीमेंट की प्रक्रिया हफ्ते-दस दिन में पूरी कर ली जाएगी। नए साल में खरमास यानी 15 जनवरी के बाद काम शुरू हो जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो 18 महीने में भव्य धाम तैयार हो जाएगा।
50 हजार वर्गमीटर में बनेगा कॉरिडोर
काशी विश्वनाथ मंदिर से ललिता एवं मणिकर्णिका घाट के 400 मीटर एरिया के 50 हजार वर्ग मीटर में प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए करीब तीन सौ मकान खरीद कर ध्वस्त किए जा चुके हैं। और दर्जनभर मकानों की खरीद होना बाकी है। इसपर सरकार ने 300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कॉरिडोर के निर्माण के लिए योगी सरकार ने 320 करोड़ के डीपीआर को मंजूरी दी थी, लेकिन स्वीकृत किए गए टेंडर में धनराशि बढ़कर 339 करोड़ हो गई है।
आनंद कानन में होगा रूद्र वन
विश्वनाथ कॉरिडोर में आने वालों को काशी नगरी के धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप के दर्शन तो होंगे ही, आनंद कानन और रूद्र वन की परिकल्पना भी साकार होगी। इस लिहाज से कॉरिडोर एरिया में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र में निर्माण होगा। धार्मिक और पौराणिक स्वरूप को प्रदर्शित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। कल्चरल सेंटर, वैदिक केंद्र, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, जप-तप भवन, भोगशाला, मोक्ष भवन और दशनार्थी सुविधा केंद्र अधिकतम दो मंजिला ही बनेंगे। इनकी ऊंचाई विश्वनाथ मंदिर के शिखर से उपर नहीं होगी। रूद्र वन में रुद्राक्ष के 350 से ज्यादा पौधे लगाए जाने की योजना है।
पिंक सिटी की तरह चमकेगा
विश्वनाथ धाम में दो परिसर होंगे। मुख्य परिसर मंदिर के चारों ओर होगा और चार प्रवेश द्वार होंगे। घाट और मंदिर परिसर को जोड़ने के लिए एक विशाल प्रवेश द्वार होगा। इसे पार करते ही मंदिर चौक सामने होगा। यहां से घाट तक बनने वाले कॉरिडोर में फर्श से लेकर दीवारों तक में गुलाबी पत्थरों का उपयोग किए जाने से यह पिंक सिटी की तरह चमकेगा। मार्बल और ग्रेनाइट भी लगेगा, लेकिन यह भवनों के भीतरी हिस्से में होगा। कॉरिडोर से जुड़ने वाले ललिता घाट पर वृद्ध एवं दिव्यांगों के लिए एस्केलेटर की सुविधा होगी वहीं मणिकर्णिका घाट के ऊपर विशाल मंच होगा। यहां से मंदिर परिसर को जोड़ने केलिए पाथवे बनेगा।
Gujarat Express News Network