महात्मा गांधी की पुण्यतिथि आज, बापू के विचार दुनिया में आज भी जिंदा ...
बनासकांठा डिसा
इंस्टीन ने महात्मा गांधी के बारे में कहा था-‘आने वाली नस्लें शायद ही यकीन करे कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी इस धरती पर चलता-फिरता था।’ एक साधारण से शरीर में विराट आत्मा के लिए ही तो दुनिया हमारे राष्ट्रपिता को ‘महात्मा’ कहती है। आज बापू का 72वां शहादत दिवस है। इस महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बनासकांठा जिले के डीसा शहर में गांधी चौक स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति को माल्याअर्पण कर कांग्रेस प्रदेश ओबीसी उपाध्यक्ष जगदीश चंद्र शंकरलाल मोदी तथा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रपिता बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की।देश-दुनिया के साथ राजधानी समेत प्रदेश भर में भी बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया जाएगा, वही जगदीश चंद्र मोदी द्वारा बताया गया कि आज ही के दिन महात्मा गांधी जी की कुछ संप्रदायिक विचारधारा से जुड़े लोगों ने गोली मारकर हत्या की थी, गांधी जी ने अपने अहिंसा वादी दृष्टिकोण से एकता और अखंडता के लिए काम करते देश की आजादी केवल एक कपड़ा पहन कर भारत देश को हर धर्म और जाति के लोगों के लिए काम करते हुए लोकतंत्र का मंदिर स्थापित किया था। दुनिया जानती है 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड्से ने बापू की हत्या कर दी थी। नाथूराम के भाई गोपाल गोडसे ने अपनी किताब में लिखा है कि जेल में बंद नाथूराम गोड्से की नजर एकबार गांधी जी के पुत्र देवदास गांधी पर पड़ी। नाथूराम ने गांधी जी की हत्या से उनके परिवार को हुए दुख पर खेद जताया था। बाद में देवदास गांधी ने नाथूराम को पत्र लिखकर बताया था कि आपने उनके शरीर को भले ही मार दिया हो, लेकिन बापू के विचार रहती दुनिया तक जिंदा रहेंगे। आज भी देश-दुनिया में वंचितों, शोषितों को जब अपने अधिकारों की जंग लड़नी होती है तो वे गांधी जी के बताये आंदोलन की राह पर चलकर अपना हक हासिल करते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर में गुरुवार को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पटना के गांधी मैदान स्थित दुनिया की सबसे लंबी गांधी जी की प्रतिमा पर लोग श्रद्धा के फूल अर्पित करेंगे। वहीं बगल में स्थित गांधी संग्रहालय में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। सुबह से ही रघुपति राघव राजा राम...भजन के बोल से सारा वातावरण गांधीमय हो जाएगा।
रिपोर्ट : मनोहर पंचाल
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