कोविड-19 में मनरेगा बनी वरदान,1.65 लाख ग्रामीणों को रोजगार
लॉक डाउन में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से ग्रामीणों को मिला आर्थिक संबल।
बाड़मेर, जिले में कोविड-19 में ग्रामीणों के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हुई है। लॉक डाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर 1.65 लाख ग्रामीणांे को रोजगार मिलने से आर्थिक संबल मिला है। इधर,प्रत्येक राजस्व गांव में चार कार्याें के प्रस्ताव एक सप्ताह की अवधि में भिजवाने के निर्देश दिए गए है। बाड़मेर जिले में लॉक डाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीणों के साथ रोजगार का संकट खड़ा हो गया। वहीं अब तक 50 हजार प्रवासियों का आगमन हुआ है। अधिकतर प्रवासी होम क्वारेंटाइन पूर्ण करने के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार की तलाश में थे। ताकि अपने परिवार का गुजारा आसानी से चला सके। ऐसी विकट स्थिति में महात्मा गांधी नरेगा योजना ने उनको संबल प्रदान किया। मौजूदा समय में बाड़मेर जिले में 1 लाख 65 हजार 177 श्रमिक नियोजित है। सालाना आमतौर पर इन दिनों नियोजित श्रमिकों की तादाद करीब 1.25 तक रहती है। स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से ग्रामीण मनरेगा कार्याें में खासी रूचि दिखा रहे है। जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर विश्राम मीणा के मुताबिक बाड़मेर जिले में मनरेगा में 24893 कार्य स्वीकृत है। स्थानीय जरूरत के मुताबिक कार्य स्वीकृत किए जा रहे है। विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि हर जरूरतमंद को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उनके मुताबिक कोरोना जैसी महामारी के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए खासी मददगार साबित हो रही है। कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंस के साथ एडवायजरी की पालना करवाई जा रही है। प्रवासियों को उनकी मांग पर नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि मनरेगा में प्रत्येक राजस्व गांव से चार कार्याें के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए है। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए निर्देश दिए थे। उनके मुताबिक लॉक डाउन के दौरान ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की जरूरत थी, जो मनरेगा की वजह से मिल पा रहा है। अगर कोई प्रवासी जोब कार्ड भी बनवाना चाहता है तो ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकता है।
1200 नए जोब कार्ड बनाएः
बाड़मेर जिले में पिछले कुछ समय में मनरेगा में अधिकाधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 1200 नए जोब कार्ड बनाए गए है।
सोशल डिस्टेंस की पालनाः
मनरेगा कार्य स्थल पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंस सुनिष्चित करते हुए कार्य करवाया जा रहा है। इसके लिए मेटों एवं कनिष्ठ तकनीकी सहायकों को निर्देशित किया गया है।
मास्क एवं हाथ धोने की व्यवस्थाः
मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों को मास्क के इस्तेमाल के बाद कार्य करवाया जा रहा है। कार्य स्थल पर साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है।
विकास कार्याें के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश :
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि प्रत्येक राजस्व गांव में चार कार्याें के प्रस्ताव मंगवाए गए है। ताकि स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को वृहद स्तर पर रोजगार मिल सके। उनके मुताबिक चारागाह विकास, मॉडल तालाब, श्मशान एवं कब्रिस्तान विकास, खेल मैदान,नर्सरी, व्यक्तिगत कार्याें एवं ग्रेवल सड़क के प्रस्ताव भिजवाने के लिए कहा गया है।
G Express News Network